जैसा
कि मैंने पहले भी लिखा है कि मैं अपने कुछ पल आप लोगों के साथ बाटना चाहता हूँ , परंतु
समझ नहीं आ रहा था की शुरुआत कहाँ से करूँ , फिर मुझे लगा की अभी पिछले माह ही एक मिनी
टूर मंसूरी व सहस्त्र धारा का किया था
इसलिये
शुरुआत मैं इस यात्रा व्रतांत को लिखने से कर रहा हूं
बात
पिछले माह जून की है , मेरा बड़ा बेटा पुलकित जो क्लास 12 में है बोला पापा मेरी ट्यूशन
और स्कूल की एक दिन की छुट्टी है तो कहीं घूमने चलो , साधारणतः उसे रविवार की भी छुट्टी
नहीं मिलती , सो ये हमारे लिये एक मौका था , हमने मंसूरी चलने का प्रोग्राम बनाया
, हमारी श्रीमती जी कहने लगी की एक दिन में मंसूरी कैसे घूम कर आ सकते हैं । मैंने
कहा मैं तुम्हे तसल्ली से मंसूरी घुमाउगा , जब तुम कहो की मन भर गया तब ही वापसी करेंगे
। श्रीमति जी तैयार हो गई , मैंने सोचा आधा किला तो फतह हो गया , अब माता जी से बात
की उन्होंने अपनी पैरों की तकलीफ का हवाला देकर मना कर दिया और कहा क्यों ना तुम अनन्त
को ले जाओ , अनंत मेरा भांजा है जो दि ल्ली में पढता है और छुट्टियों में अपने घर मुज़फ्फरनगर
आया हुआ था । बात हमें जमी , हमने उसे फोन किया , वो भी चलने के लिये तैयार हो गया
। तो इस प्रकार प्रोग्राम तय हुआ की दि0 15 जून की सुबह 5 बजे हम मंसूरी के लिये प्रस्थान
करेँगे
my family in mussoorie |
Anant (My nephew) |
यात्रा की तैयारी
सबसे
पहले नेट पर मौसम का हाल देखा गया । पता लगा 15 जून को मुज़फ्फरनगर देहरादून मंसूरी
सब जगह बारिश है । परंतु हमारे पास यही एक दिन था सो हमने इसी हिसाब से घूमने की तैयारी
कर ली । हमने अपने सामान में तीन छतरी , नमकीन , बिस्कुट , इत्यादि रख लिए । हम अपनी
गाड़ी से जा रहे थे इसलिए सामान ज्यादा या कम होने से कोई फर्क नहीं पड़ना था ।
हमने
प्रोग्राम ये बनाया की अगर देहरादून में बारिश मिली तो सीधे मंसूरी केम्पटी फाल चले
जायेंगे और बारिश नहीं मिली तो सहस्त्र धारा जायेंगे । वैसे कैम्पटी फाल सबका घुमा
हुआ था इसलिये सभी की सहस्त्र धारा में ज्यादा रूचि थी । सो नहाने के प्रोग्राम के
हिसाब से सभी के एक जोड़ी कपडे , तोलिये , दो जोड़ी रबर की चप्पल भी रख ली की अगर बारिश
में जूते गीले हो गए तो काम आएगी
me at Sahartra dhara |
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