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Monday 1 August 2016

यात्रा की शुरुआत


मै देर से सो कर उठने वालों में से हूँ । लगभग 8 से 9 बजे के बीच सो कर उठता हूँ । जब ये तय हुआ की सुबह 5 बजे निकलना है तो बच्चों ने मुझसे पूछा की क्या आप सुबह उठ कर तैयार हो जाओगे । मैंने कहा मैं तैयार हो जाऊंगा तुम अपनी फ़िक्र करो। कह तो मैंने दिया था लेकिन मुझे पता था कि मैंने 5 बजे का टाइम इसलिए दिया है कि 6 बजे से पहले हम निकल जाये ।
सुबह खटपट हुई तो मेरी भी नींद खुल गई ।पत्नी जी उठ चुकी थी और तैयार होने जा रही थी । टाइम देखा तो 4:15 हुए थे । दोबारा सोने का मतलब नहीं था । मैं भी उठ के तैयार होने चला गया । तैयार हो कर गाड़ी बाहर निकली , सारा सामान रात मे ही सेट कर दिया था ।
जब हम चले तो समय देखा 5:10 , कमाल हो गया , इतने सही टाइम हम घर से निकल गए थे
हमारा प्रोग्राम वाया देवबंद , गागलहेड़ी होते हुए जाने और आने का था ।
हम घर से निकल कर मु0 नगर बाईपास पर आ गए । और देवबंद की तरफ चल पड़े । देवबंद मुज़फ्फरनगर से 26 km. है । बाईपास खत्म होने पर सीधा रास्ता रुड़की की तरफ चल जाता है और उलटे हाथ देवबंद सहारनपुर की तरफ । परंतु बाईपास खत्म होने का हमें पता ही नहीं चला और हम 1 की0मी0 रुड़की की तरफ चले गए । तब हमें लगा की हम आगे आ गए हैं , हमने फिर गाड़ी वापस मोड़ी । और देवबंद वाली सड़क पर ले आए । देवबंद तक सब ठीकठाक चला । देवबंद पहुचते ही बारिश शुरु हो गई । ऐसा लग रहा था मानो बदल फट गया हो । हमें लगा हमारे पूरे प्रोग्राम का सत्यानाश ना हो जाए । लेकिन हमने सोच लिया की जब निकल ही गए है तो अब सोचना क्या ।
खैर लगभग 10 km तक बारिश मिली फिर कम होती गई ।  देवबंद से गागलहेड़ी 34 km. है परंतु देवबंद से गागलहेड़ी तक सड़क का 4 लेन का काम चल रहा है तथा 3 पुलों का कार्य भी चल रहा है ।  वहां बारिश की वजह से कीचड़ हो रही थी । परंतु कही भी गाड़ी निकलने में परेशानी नहीं हुई । बस गाड़ी धीरे धीरे चली । फिर गागलहेड़ी से सड़क बढ़िया है । हम छुटमलपुर तक आराम से आ गए । गागलहेड़ी से छुटमलपुर 11 km. है । छुटमलपुर पहुच कर हमारे बच्चों को उल्टी की शिकायत होने लगी । मैंने गाड़ी साइड में लगा दी । पुलकित उल्टी करने लगा । मै पत्नी जी का लेक्चर सुनने लगा । दरसल रात मीनू ने कहा था कि बच्चों को उल्टी की दवाई दे देते हैं । परंतु मैंने मना कर दिया था । मैं बच्चों को बगैर परेशानी के दवा देने के पक्ष में नहीं रहता   लेकिन अब सुननी थी । इसलिए सुन रहा था । खैर जब तक पुलकित ने उल्टी की तब तक टाइम भी पास हो गया । अब हम वहा से चल दिये । छुटमलपुर से निकलते ही हल्की बूंदाबांदी शुरू हो गई । जो देहरादून डाट के मंदिर तक मिली । छुटमलपुर से देहरादून 45 km. है । देहरादून में घुसने तक बूंदाबांदी बंद हो चुकी थी । इसलिए प्रोग्राम बना की सहस्तधारा चलते है। जहाँ तक रास्ता पता था चलते रहे । फिर थोड़ा कंफ्यूजन हुआ तो एक से सहस्त्रधारा रोड का रास्ता पूछ लिया ।



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