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Tuesday 30 August 2016

शुक्रताल में भ्रमण



शुक्रताल में भ्रमण


शुक्रताल मे सबसे पहले हम गंगा जी के घाट पर पहुँचे । हम सोच रहे थे इतनी सुबह घाट खाली मिलेगा । लेकिन नहीं वहाँ काफी भीड़ थी । 


वहाँ गंगा के पानी में मछलियां बहुत हैं । घाट पर ही दुकानदार आटे की गोलियां बना कर बेचते है । जिन्हें आप मछलियों को खिला सकते है । हमने भी खिलाई । जैसे ही आटे की गोलिया पानी में जाती मछलियां लपक कर उसे ले कर भाग जाती । फिर मैं पानी में पैर दे कर खड़ा हो गया । मछलियां मेरे पैरों को खाना समझ कर कुतरने की कोशिश कर रही थी । बड़ा मजा आ रहा था । कभी कभी तो इतनी तेज गुदगुदी होती की पैर पानी से निकलना पड़ता । ऋषभ ने बताया कि साऊथ में फिश स्पा होता है । जिसमे आपके पैर मछलियों से भरे पानी के टब में रखवा देते है । मछलियां आपके पैर की डेड स्किन खा जाती है। फिश स्पा के 50 रु चार्ज किये जाते है । यहाँ हमने फ्री में फिश स्पा का मजा ले लिया । अब घाट से बाहर आये ।
ओरिजनल टैंक

कारगिल वार स्मारक झाकिया

कारगिल वार स्मारक झाकिया

कारगिल वार स्मारक

देखा एक बोर्ड लगा था जिसमे एक तरफ शिव धाम और दुर्गा मंदिर व कारगिल शहीद स्मारक और दूसरी तरफ हनुमत धाम व नक्षत्र वाटिका थी । पहले हम शिव मंदिर की तरफ चले । चलते ही कारगिल वार स्मारक आ गया । स्मारक का मेन रूम बंद था बाकि एक दो झाकिया बना रखी थी वो देखी । सामने ही एक टैंक रक्खा हुआ था । बच्चे वो ओरिजनल टैंक देख कर बड़े खुश हुए । 
शिव धाम

शिव धाम बच्चे पूजा कर रहे है

शिव धाम मंदिर

 फिर आगे शिव धाम की तरफ बढ़ गए । शिव धाम एक अच्छा मंदिर बना हुआ है । मंदिर के प्रांगण में वही रहने वाले कुछ बच्चे पूजा कर रहे थे ।
हनुमत धाम

हनुमत धाम में हम
हनुमत धाम मंदिर


 दर्शन करके हम फिर घाट के सामने से होते हुए हनुमत धाम पहुँच गए । हनुमंत धाम में हनुमान जी की 72 फ़ीट ऊँची मूर्ति है । जो शुक्रताल का मुख्य आकर्षण है । मंदिर प्रांगण से ही एक रास्ता पीछे की तरफ निकलता है । जहाँ नक्षत्र वाटिका है ।

नक्षत्र वाटिका




एक दुर्लभ वृक्ष 

कल्प वृक्ष एक दुर्लभ वृक्ष 


 खूबसूरत मूर्तियां 

 खूबसूरत  

खूबसूरत मूर्तियां 

जानवरो की मूर्तियां 

बड़ी बड़ी खूबसूरत मूर्तियां 




 बच्चे नक्षत्र वाटिका में पहुच कर बहुत खुश हुए । वहाँ जानवरो की बड़ी बड़ी खूबसूरत मूर्तियां बनाई हुई है । साथ ही नक्षत्र वाटिका में एक कल्प वृक्ष भी है जो एक दुर्लभ वृक्ष माना जाता है । नक्षत्र वाटिका से हम वापस हनुमंत धाम आ गए ।

 हनुमंत धाम के बराबर में ही गणेश धाम है । भगवान गणेश की प्रतिमा 35 फीट ऊंची  है।

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