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Friday 9 September 2016

पहाड़ों की शुरुआत (कुल्लू मनाली , शिमला यात्रा)





खैर हम अपनी मंजिल की तरफ बढ़ रहे थे , हम अपने रास्ते चलते रहे । अब टोल रोड खत्म हो गई थी । टोल रोड खत्म होते ही पहाड़ी रास्ता शुरु हो जाता है ।
ख़ूबसूरत पहाड़ 

ख़ूबसूरत पहाड़ 


 अब सड़क काफी ख़राब थी । या यूँ कहिये हम टोल रोड से सफर करके आये थे इसलिए लग रही थी । सड़क कुछ जगह टूटी हुई थी । वहां पर धूल मिट्टी काफी उड़ रही थी । ड्राइवर ने पहाड़ी रास्तों पर ए सी चलाने को मना कर दिया था । इसलिए विंडो बंद करना भी संभव नहीं था । ख़राब रास्ता लगभग 10 कि मी ही था । फिर सड़क बढ़िया आ गई । यहाँ पर हमने देखा एक स्कूटर वाला बेचारा गिर पडा था । कुछ लोग और एक पुलिस वाला उसे सहारा दे कर उठा रहे थे । हमारी तरफ ऐसे सीन कम ही देखने को मिलते है ।


 लोग और पुलिस वाला सहारा देते हुए 

सुन्दर दृश्य 


 थोड़ा सा आगे चलकर ड्राइवर ने चाय की इच्छा जाहिर की । मैंने कहा जो भी सही सा ढाबा नजर आये रोक देना । 10 मिनट बाद ही एक ढाबे पर हमारी गाड़ी रुक गई । हमने सब के लिए चाय का आर्डर दे दिया । जितनी देर में चाय आती जिसे जिसे जरुरत थी वे सब फ्रेश हो लिए । ड्राइवर ने वहाँ भी किसी से फ़ोन पर बात की । अब उसकी बात सुन कर सारी कहानी समझ में आई । ड्राइवर लोग जिस रुट पर चल रहे होते है उस रुट के अन्य ड्राइवर से फ़ोन पर बात करते रहते है । और आगे के रास्ते के अपडेट लेते रहते है । जब सुबह हम नाश्ते के लिये रुके थे , तब भी ड्राइवर ने बात की थी । तब उसे पता चला था कि चंडीगढ़ के पास आर टी ओ वाले चेकिंग कर रहे है । इसलिए उसने गाड़ी घुमा ली थी । आर टी ओ वाले बड़ी गाड़ियों को रोक कर ये चेक करते है कि वो गाड़ी टैक्सी में तो नहीं चल रही । सुबह तो मुझे गाड़ी वापस घुमाना बड़ा अजीब लगा था । लेकिन अब सही बात पता चलने पर मन में शांति थी । आधा घंटे में हम चाय पी कर चल दिए ।
यहाँ चाय पी थी 

सपनो की दुनिया 

मित्रो मेरी कोशिश आपको कुल्लू मनाली , शिमला यात्रा की सैर फोटो के द्वारा कराने की हैं, इसलिए लिख कम रहा हूँ, फोटो ज्यादा दे रहा हूँ. .


यहाँ पर मैं यह और बताना चाहूंगा कि इस टूर में हमने लगभग 1800 फोटो खींचे थे । जिन्हें कम से कम करके भी लगभग 500 फोटो ऐसे मिले जिन्हें मै आपसे शेयर करना चाहूंगा । धन्यवाद । 





ख़ूबसूरत दुनिया 

बेटे जी स्टाइल में 


कैमरा अब रिषभ के हाथ में था । उसे जहाँ इन सुन्दर पहाड़ो की तस्वीर लेने का मौका मिलता वो छोड़ता नहीं था । जैसे जैसे हम आगे बढ़ते जा रहे थे , पहाडो की खूबसूरती बढ़ती जा रही थी । अब हम सुन्दर नगर पहुँच चुके थे । सुन्दर नगर अपने नाम की तरह ही एक सुन्दर नगर है । ये लगभग 10 - 12 कि मी लंबी और चौड़ी घाटी है , यहाँ चलते हुए लगता ही नहीं की हम पहाड़ों के बीच है ।  बिलकुल सीधी सड़के , दूर दिखाई देते पहाड़ , सफाई , एक सुन्दर दृश्य बना रहे थे ।

ये है ख़ूबसूरत दुनिया 

ख़ूबसूरत दुनिया 


  
अगली पोस्ट में जारी...

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