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Wednesday, 14 September 2016

औट टनल से मनाली (कुल्लू मनाली शिमला टूर )


कुल्लू मनाली एयरपोर्ट 

 लगभग 35 कि मी आगे पंडोह डैम आता है । पंडोह बांध ब्यास नदी पर बना  है । लगभग 15 - 20 मिनट रुक कर हम फिर चल दिए ।


डैम से आगे एक टनल आती है इसे औट टनल कहते है । ये लगभग 3 कि मी लंबी है । ये उस समय भारत की सबसे लंबी रोड टनल थी । इस टनल के अंदर दिन में भी कृत्रिम प्रकाश की व्यवस्था थी । परंतु फिर भी गाड़ी की हेड लाइट जलानी पड़ती है । 


औट टनल

औट टनल के अंदर 

औट टनल के अंदर 


टनल समाप्त होते ही सड़क पर लोहे के चकोर गुटके स्पीड ब्रेकर की तरह लगा रक्खे थे । जैसे ही हमारी गाड़ी उनपर से गुजरी , फिस्स स स स की आवाज आई । ड्राइवर ने गाड़ी साइड में लगा करदेखा पिछले पहिये में पंचर था । अब काम था पहिया बदलने का । ड्राइवर पहिया बदलने में लग गया । हम वहां मौसम का मजा लेने लगे । सड़क के किनारे एक तरफ पहाड़ था , दूसरी तरफ व्यास नदी , नदी और सड़क के बीच में भी खाली जगह पर सेब के पेड़ लगाए हुए थे । लेकिन अभी सेब बहुत छोटे और हरे थे । जितनी देर में ड्राइवर ने पहिया बदला , हमने अपने साथ लाये नास्ते से थोड़ी पेट पूजा कर ली । पहिया चेंज करके हम फिर अपनी मंजिल की तरफ चल पड़े ।

जहाँ हमारी गाड़ी पंचर हुई 

 पंचर के दौरान  मस्ती 

मौके का फायदा 


इस पर से पास होने पर पंचर 

सड़क के किनारे व्यास नदी 

मनीष कुछ टाइम पास हो जाये 

घर का नाश्ता मठरी विथ अचार 

पहिया चेंज 

वहाँ से भुंतर लगभग 20 कि मी है । हम आधा घंटे में ही वहाँ पहुँच गए । भुंतर को कुल्लू का आउटर पार्ट भी कह सकते है । कुल्लू मनाली हवाई अड्डा भी यही है । बिलकुल सड़क के किनारे पूरा हवाई अड्डा सड़क से नजर आता है । और फोटो लेने पर भी कोई रोक नहीं है । हवाई अड्डे के बाहर ही सड़क पर एक पंचर ठीक करने वाले की दुकान थी । ड्राइवर ने कहा मैं पंचर ठीक करा लेता हूँ । वरना आगे दिक्कत आ सकती है । हमने कहा ठीक है । गाड़ी रुक गई । बड़ी जोर से भूख लगी थी । वही एक रेस्टोरेंट था । उसमे घुस गए और खाना खा कर ही बाहर निकले ।

रेस्टोरेंट जहाँ खाना खाया 

 खाना खाते हुए 

बहुत जोर से भूख लगी थी 

रेस्टोरेंट में लगे बढ़िया बोर्ड 

रेस्टोरेंट में लगे बढ़िया बोर्ड 

 आस पास बढ़िया सीन थे । मजे से घूमे और फोटोग्राफी की । हमें भुंतर में लगभग 1 घंटा लग गया । जब हम चले तो  दिन छिपने लगा था । अब हमारा टारगेट सीधा मनाली था । व्यास नदी के किनारे किनारे चलते हुए हम मनाली पहुच गए ।



कुल्लू मनाली एयरपोर्ट 



कुल्लू मनाली एयरपोर्ट  पर मनीष 

एयरपोर्ट के बहार एक विज्ञापन 

पंचर ठीक करने के दौरान सब मस्ती में 

पंचर ठीक होने का इंतजार करते हम 

समय का पूरा सदुपयोग 

समय का पूरा सदुपयोग 

 मनाली के बाहर भी , जैसा की ज्यादातर हिल स्टेशन पर शुल्क वसूलने की परंपरा चल पड़ी है , शुल्क वसुला गया । अब ये ध्यान नहीं की वो पर्यावरण शुल्क था या पर्यटन शुल्क । वही एक बोर्ड लगा था कि आप अपनी गाड़ी बिना परमिट लिए रोहतांग ले कर नहीं जा सकते । यही पर हमें एक होटल एजेंट मिला जो कम रेट में बढ़िया होटल दिलाने की बात कह रहा था । अक्सर मेरा अनुभव एजेंट्स को ले कर अच्छा नहीं रहा है । लेकिन वो कहने लगा की न पसंद आये तो बिलकुल मत लेना , फिर रात भी हो चुकी थी सब थक रहे थे । राय बनी , एक बार देख लेते है । वो अपनी मोटर साइकिल पे हमारी गाड़ी के आगे आगे चलने लगा ।
 मनाली के बाहर एक बोर्ड 

एजेंट्स मोटर साइकिल पे आगे आगे 


 उसने हमें एक होटल दिखाया , बिलकुल नया बना था , रूम्स भी बहुत अच्छे थे लेकिन मनाली से काफी बाहर था । हमने मना कर दिया । हम मनाली के मेन बाजार में आ गए । वो हमारे पीछे पीछे ही घूमता रहा । फिर वो दूसरा होटल दिखने लगा । हमने मना किया तो बड़े प्यार से बोला , सर ये लास्ट चांस है । आप इन्हें (ऋषभ को)  मेरे साथ भेज दो , मैं मोटर साइकिल पर इन्हें दिखा लाता हूं । ऋषभ ने कहा आप इतने यहाँ मार्किट में होटल देखो , मैं इसके साथ देख आता हूँ । 5 मिनट बाद ही ऋषभ का फ़ोन आ गया , होटल बढ़िया है । मैं एजेंट के साथ आ रहा हूँ । लगभग 1 मिनट बाद ही वो वापस आ गए । हम उनके साथ होटल में गए । सब को होटल पसंद आ गया ।हमने दो रूम ले लिए । होटल ठीक व्यास नदी के किनारे था । कमरों की खिड़कियों से व्यास नदी स्पष्ट दिखाई देती थी । खाना हमने भुंतर में ही खाया था । और कोई काम बाकी नहीं बचा था सिवाय सोने के । सब थके हूए थे ,लेटते ही नींद आ गयी ।

मनाली की सुबह

मनाली की सुबह रूम से लिया फोटो 



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