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Thursday 4 August 2016

वेक्स म्यूजियम



वेक्स म्युजियम

खाना खाते हुऐ हमने देखा की कैफेटेरिया के ऊपर ही वेक्स म्युजियम है ।इसका बोर्ड हमने कंपनी बाग़ के गेट पर भी देखा था । वेक्स म्युजियम आजकल एक नई कला है । जिसमे प्रसिद्ध व्यक्तियो के मोम के पुतले बना कर रक्खे जाते है । जो देखने में ऐसा प्रतीत होते है मानो अभी बोल उठेंगे । आप लोगो ने इंग्लैंड के मैडम तुसाद म्युजियम के बारे में पढ़ा व कुछ नयी हिंदी फिल्मों में देखा भी होगा । तो हमारा प्रोग्राम बन गया कि खाना खा कर म्युजियम देखने चलेंगे । 

कैफेटेरिया के अंदर से ही म्युजियम की सीढ़ियां जा रही थी । हम ऊपर चले गए । टिकट लिए । टिकट वाली मेडम ने नियम समझाए की हम पुतलो के साथ फोटो ले सकते है पर उन्हें छू नहीं सकते । हमने अपने छोटे बेटे को सख्त हिदायत दी । क्योकि वो थोडा शैतान है। टिकट ले कर हम अंदर गये । अंदर पहुच कर वास्तव में एक अनोखी दुनिया में पहुँच गए । कलाकार ने बहुत खूबसूरत रचनाये बनाई है । जिनमे ज्यादातर भारतीय हस्तियों की है ।


मेरा मन नहीं हो रहा था वहाँ से बाहर निकलने का । परन्तु निकलना तो था ही । सो हम भी बाहर आ गए । अब बच्चे बोटिंग के लिए कहने लगे । यहाँ एक छोटी सी कृत्रिम झील बनाई हुई है जिसमे बोटिंग की सुविधा है । हमने एक पेडल बोट बुक कर ली । जिसका समय 30 मिनट था । बच्चे बोटिंग के लिए चले गए और हम वही एक बेंच पर बैठ कर मौसम का मजा लेने लगे । इस पूरे ट्रिप में खास बात ये रही हमें घूमने के दौरान कहीं बारिश नहीं मिली । बस रास्तों में सफर के दौरान ही मिली । जिसमे हमें कोई परेशानी नहीं हुई । और कहीं धुप भी नहीं मिली , मौसम बहुत सुहावना रहा । बच्चे 15 मिनट में ही बोट से उतर आये । मैंने पूछा क्या हुआ तो बोले - बोट चलाते चलाते पैर दर्द करने लगे । चलो कोई बात नहीं , अब तीनो झूलो पर चले गए । हम मौसम का मजा लेते रहे । लगभग छह बज चुके थे । सब थक गए थे । अब सब वापसी के लिए तैयार थे ।









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