हम सफर करके थके हुए थे । फ़ौरन सो गए । अगले दिन सुबह उठने की कोई जल्दी नहीं थी । आराम से 9 बजे तक सो कर उठे । हमारा इरादा होटल में नाश्ता करने का नहीं था । आराम से तैयार हो कर 11 बजे तक होटल से बाहर निकल आये । जिस रेस्टोरेंट में हमने रात खाना खाया था वो पूरी मॉल रोड पर करके दूसरे कोने पर था । भूखे पेट इतनी दूर जाने की हिम्मत नहीं थी । इसलिए पास में ही एक रेस्टोरेंट पकड़ लिया । यहाँ ताजे ताजे पकौड़े बन रहे थे । जो हम सबको पसंद हैं । बढ़िया चाय पकोड़ों का नाश्ता हुआ ।
अब हमारा लक्ष्य था जू , जो माल रोड से काफी ऊपर एक पहाड़ी पर है । और माल रोड से तल्लीताल की तरफ से वहां के लिए पर सवारी के हिसाब से जीप चलती हैं । जो जू के गेट से थोड़ा पहले उतार देती हैं । फिर थोड़ा पैदल ऊपर जाना पड़ता है । हम टिकट ले कर अंदर चले गए । जू भी पहाड़ी पर बना हुआ है । गेट से ले कर ऊपर तक चढाई है । चढ़ते चढ़ते हमारा दम फूलने लगा । एक आराम करने की जगह बैठ गए । लेकिन बच्चों में बहुत फुर्ती थी । वो फटाफट ऊपर चढ़ते रहे । और पूरा जू घूम आये । हम बच्चों की लिए ही तो जू में आये थे । बच्चो ने घूम लिया । बढ़िया हुआ , मैँने कहा अब वापस चलते है । बच्चे हमें ऊपर ले जाने की जिद करने लगे ।वो दोबारा ऊपर घूम कर आने को तैयार थे । उन्हें समझा बुझा कर वापसी के लिए तैयार किया । यहाँ से नीचे आ गए जीप पकड़ कर नीचे मॉल रोड पर आ गए ।
अब हमारा लक्ष्य था जू , जो माल रोड से काफी ऊपर एक पहाड़ी पर है । और माल रोड से तल्लीताल की तरफ से वहां के लिए पर सवारी के हिसाब से जीप चलती हैं । जो जू के गेट से थोड़ा पहले उतार देती हैं । फिर थोड़ा पैदल ऊपर जाना पड़ता है । हम टिकट ले कर अंदर चले गए । जू भी पहाड़ी पर बना हुआ है । गेट से ले कर ऊपर तक चढाई है । चढ़ते चढ़ते हमारा दम फूलने लगा । एक आराम करने की जगह बैठ गए । लेकिन बच्चों में बहुत फुर्ती थी । वो फटाफट ऊपर चढ़ते रहे । और पूरा जू घूम आये । हम बच्चों की लिए ही तो जू में आये थे । बच्चो ने घूम लिया । बढ़िया हुआ , मैँने कहा अब वापस चलते है । बच्चे हमें ऊपर ले जाने की जिद करने लगे ।वो दोबारा ऊपर घूम कर आने को तैयार थे । उन्हें समझा बुझा कर वापसी के लिए तैयार किया । यहाँ से नीचे आ गए जीप पकड़ कर नीचे मॉल रोड पर आ गए ।
नैनीताल जू |
नैनीताल जू |
नैनीताल जू |
नैनीताल जू |
अब हमें जाना था रोप वे पर । जो मॉल रोड़ के लगभग दूसरे कोने पर है । मल्लीताल की तरफ । हम आराम से घूमते घूमते वहाँ तक पहुच गए । लेकिन हमें कही नजर नहीं आयी । एक से पूछा तो तो उसने अंदर एक गली में इशारा कर दिया । अंदर थोड़ा सा चल कर रोप वे नजर आ गई । हमने टिकट लिए और इंतजार करने लगे । ज्यादा भीड़ नहीं थी । ट्रॉली आते ही नम्बर आ गया । हम रोप वे से चल दिए । इस रोपवे से हम स्नोव्यू पॉइंट पर पहुचे । यहाँ से नंदा देवी , त्रिशूल , नंदा कोट की
पहाड़ियाँ नजर आती है । जो बहुत ही सुंदर दृश्य बनाती है । हम जैसे मुसाफिरों के लिए ये एक सुन्दर पिकनिक पॉइंट है । लगभग एक घंटे रुक कर हम वापस आ गए ।
चार बज चुके थे । अब सब बोटिंग के लिए कहने लगे । चलो जी , सामने ही नैनी झील में नावे खड़ी थी । नाव वाले ने कहा कि नाव मे अधिकतम 5 लोग बैठ सकते है । एक बच्चे को और बिठा लेंगे । यानी एक आदमी फालतू हो रहा था । मुझे बोटिंग में वेसे भी मजा नहीं आता । मैंने जाने से मना कर दिया । बाकी सब लोग बोट मे चले गए । मैं साइड में बैठ गया । और मौसम के मजे लेने लगा । लगभग आधे घण्टे में ये लोग बोट में घूम कर वापस आ गए ।
फिर हम लोग झील के बराबर में मैदान में घूमने लगे । मैदान के बराबर में ही नैनादेवी के मंदिर में दर्शन किये । मंदिर के बाहर काफी बड़ा मार्किट बना हुआ है । उसी मार्किट के बराबर से रास्ता जाता है । जहा तिब्बती बाजार भरता है । कुछ देर मंदिर के बाहर मार्किट में घूमे । फिर तिब्बती मार्किट में , तिब्बती मार्किट से छोटे बेटे के लिए एक जैकेट खरीदी । अब 8 बज चुके थे , भूख लगने लगी थी । हम मल्ली ताल में ही थे । घूमते घामते उसी रेस्टोरेंट में पहुच गए । जहाँ कल रात खाया था । सबने फिर कल वाला खाना ही ऑर्डर किया । खाना खा कर फिर पूरी मॉल रोड पार करके घूमते घूमते अपने होटल पहुँच गए । अब हम नैनीताल में लगभग अपनी पसंद की सारी जगह घूम चुके थे । अब कल के लिए प्रोग्राम बनाना था । जब हम होटल पहुचे तो होटल का मालिक खुद काउंटर पर खड़ा था । जो लड़का सा ही था । हमने उससे बात की तो उसने हमें भीम ताल जाने का सुझाव दिया । अब हमारा प्रोग्राम तय हो गया था । कल सुबह चेकआउट करके हम भीमताल के लिए निकल जाएंगे । फिर वही से आगे का प्रोग्राम बनाएंगे ।
नैनीताल झील |
फिर हम लोग झील के बराबर में मैदान में घूमने लगे । मैदान के बराबर में ही नैनादेवी के मंदिर में दर्शन किये । मंदिर के बाहर काफी बड़ा मार्किट बना हुआ है । उसी मार्किट के बराबर से रास्ता जाता है । जहा तिब्बती बाजार भरता है । कुछ देर मंदिर के बाहर मार्किट में घूमे । फिर तिब्बती मार्किट में , तिब्बती मार्किट से छोटे बेटे के लिए एक जैकेट खरीदी । अब 8 बज चुके थे , भूख लगने लगी थी । हम मल्ली ताल में ही थे । घूमते घामते उसी रेस्टोरेंट में पहुच गए । जहाँ कल रात खाया था । सबने फिर कल वाला खाना ही ऑर्डर किया । खाना खा कर फिर पूरी मॉल रोड पार करके घूमते घूमते अपने होटल पहुँच गए । अब हम नैनीताल में लगभग अपनी पसंद की सारी जगह घूम चुके थे । अब कल के लिए प्रोग्राम बनाना था । जब हम होटल पहुचे तो होटल का मालिक खुद काउंटर पर खड़ा था । जो लड़का सा ही था । हमने उससे बात की तो उसने हमें भीम ताल जाने का सुझाव दिया । अब हमारा प्रोग्राम तय हो गया था । कल सुबह चेकआउट करके हम भीमताल के लिए निकल जाएंगे । फिर वही से आगे का प्रोग्राम बनाएंगे ।
मनीष |
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