कंपनी बाग
अब
हमें कंपनी बाग जो म्युनिसिपल गार्डन भी कहा जाता है जाना था । हमने पार्किंग से गाड़ी
उठाई और चल दिए कंपनी बाग की ओर । कंपनी बाग का रास्ता लाइब्रेरी से होकर जाता है ।
और लाइब्रेरी से कंपनी बाग के लिए रिक्शा भी मिल जाती है । परंतु उनका किराया ज्यादा
होता है । दूसरा हमें गाड़ी लेने फिर पिक्चर पैलेस आना पड़ता । इसलिए हमने गाड़ी से जाने
का फैसला किया । गाड़ी को लाइब्रेरी ले जाने का रास्ता वही है जो मसूरी आते हुये मैंने
बताया था कि सड़क दो तरफ चली जाती है , एक पिक्चर पैलेस की तरफ दूसरा लाइब्रेरी की तरफ
। इसी रास्ते से हम लाइब्रेरी चौक पहुच गए । लाइब्रेरी चौक , एक रास्ता देहरादून की
तरफ से आता है जिससे हम आये थे , दूसरा मॉल रोड की तरफ , तीसरा चकराता , और चौथा कंपनी
बाग़ , केम्पटी फाल , गंगोत्री की तरफ जाता है । इसलिए इस चौथे रास्ते पर सीजन में जाम
की स्तिथि रहती है । लेकिन जाते हुए हमें जाम नहीं मिला । हम आराम से कंपनी बाग़ तक
पहुँच गए । लेकिन वहाँ पार्किंग की जगह बहुत कम है , ट्रैफिक ज्यादा । गाड़ी पार्क करने
में आधा घण्टा लग गया । खैर गाड़ी पार्क करके हम गेट पर पहुचे और टिकट लिए । हम लगभग
दो बजे अंदर पहुचे । कंपनी बाग को एक सुन्दर पिकनिक स्पॉट भी कह सकते हैं । बरसात में
ये और ज्यादा ख़ूबसूरत लग रहा था । सब यहाँ आकर खुश दिख रहे थे । जाते ही सब सुन्दर
फूलों और पेड़ों के साथ फोटो खीचने में लग गए । थोड़ी देर मौज मस्ती के बाद सबको भूख
लगने लगी । अंदर ही कुछ रेस्टोरेंट बने हुए है । एक रेस्टोरेंट वाले ने रेस्टोरेंट
के बहार ही प्लास्टिक की कुर्सी मेज डाल कर खाने पीने का इंतजाम करा हुआ था । हम वहां
बैठ गए । परंतु मजा सा नहीं आ रहा था । इसलिए खाने का ऑर्डर नहीं दिया । अनंत और पुलकित
सुलभ शौचालय चले गए थे । जब वो वापस आये तो उन्होंने कहा कि यहाँ एक कैफेटेरिया है
। जो बढ़िया लग रहा है । हम उठ लिए । और कैफेटेरिया में आ गए । कैफेटेरिया काफी अच्छा
बना था । और महंगा भी नहीं था । हम 5 लोगो का खाना 500 रु में हो गया । सेल्फ सर्विस
थी । खाना लेने के लिए अनंत और पुलकित चले गए । इतने मैने उनका वाशरूम इस्तेमाल किया
और फ्रेश हो गया । खाना खाते हुऐ हमने देखा की कैफेटेरिया के ऊपर ही वेक्स म्युजियम है ।इसका बोर्ड हमने कंपनी बाग़ के गेट पर भी देखा था ।
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