शुक्रताल में भ्रमण
शुक्रताल
मे सबसे पहले हम गंगा जी के घाट पर पहुँचे । हम सोच रहे थे इतनी सुबह घाट खाली मिलेगा
। लेकिन नहीं वहाँ काफी भीड़ थी ।
वहाँ गंगा के पानी में मछलियां बहुत हैं । घाट पर
ही दुकानदार आटे की गोलियां बना कर बेचते है । जिन्हें आप मछलियों को खिला सकते है
। हमने भी खिलाई । जैसे ही आटे की गोलिया पानी में जाती मछलियां लपक कर उसे ले कर भाग
जाती । फिर मैं पानी में पैर दे कर खड़ा हो गया । मछलियां मेरे पैरों को खाना समझ कर
कुतरने की कोशिश कर रही थी । बड़ा मजा आ रहा था । कभी कभी तो इतनी तेज गुदगुदी होती
की पैर पानी से निकलना पड़ता । ऋषभ ने बताया कि साऊथ में फिश स्पा होता है । जिसमे आपके
पैर मछलियों से भरे पानी के टब में रखवा देते है । मछलियां आपके पैर की डेड स्किन खा
जाती है। फिश स्पा के 50 रु चार्ज किये जाते है । यहाँ हमने फ्री में फिश स्पा का मजा
ले लिया । अब घाट से बाहर आये ।
|
ओरिजनल टैंक |
|
कारगिल वार स्मारक झाकिया |
|
कारगिल वार स्मारक झाकिया |
|
कारगिल वार स्मारक |
देखा एक बोर्ड लगा था जिसमे एक तरफ शिव धाम और दुर्गा मंदिर व कारगिल शहीद स्मारक और दूसरी तरफ हनुमत धाम व नक्षत्र वाटिका थी । पहले हम शिव मंदिर की तरफ चले । चलते ही कारगिल वार स्मारक आ गया । स्मारक का मेन रूम बंद था बाकि एक दो झाकिया बना रखी थी वो देखी । सामने ही एक टैंक रक्खा हुआ था । बच्चे वो ओरिजनल टैंक देख कर बड़े खुश हुए ।
|
शिव धाम |
|
शिव धाम बच्चे पूजा कर रहे है |
|
शिव धाम मंदिर |
फिर आगे शिव धाम की तरफ बढ़ गए । शिव धाम एक अच्छा
मंदिर बना हुआ है । मंदिर के प्रांगण में वही रहने वाले कुछ बच्चे पूजा कर रहे थे ।
|
हनुमत धाम |
|
हनुमत धाम में हम |
|
हनुमत धाम मंदिर |
दर्शन करके हम फिर घाट के सामने से होते हुए हनुमत धाम पहुँच गए । हनुमंत धाम में हनुमान
जी की 72 फ़ीट ऊँची मूर्ति है । जो शुक्रताल का मुख्य आकर्षण है । मंदिर प्रांगण से
ही एक रास्ता पीछे की तरफ निकलता है । जहाँ नक्षत्र वाटिका है ।
|
नक्षत्र वाटिका |
|
एक दुर्लभ वृक्ष |
|
कल्प वृक्ष एक दुर्लभ वृक्ष |
खूबसूरत मूर्तियां
|
खूबसूरत |
|
खूबसूरत मूर्तियां |
|
जानवरो की मूर्तियां |
|
बड़ी बड़ी खूबसूरत मूर्तियां |
बच्चे नक्षत्र वाटिका
में पहुच कर बहुत खुश हुए । वहाँ जानवरो की बड़ी बड़ी खूबसूरत मूर्तियां बनाई हुई है
। साथ ही नक्षत्र वाटिका में एक कल्प वृक्ष भी है जो एक दुर्लभ वृक्ष माना जाता है
। नक्षत्र वाटिका से हम वापस हनुमंत धाम आ गए ।
हनुमंत धाम के बराबर में ही गणेश धाम
है । भगवान गणेश की प्रतिमा 35 फीट ऊंची है।
No comments:
Post a Comment